राकेश पांडेय (अवध बुलेटिन)
भारत का हिन्दू सदियों से डर के साये में जीता रहा है, कभी वो वैष्णों देवी के दर्शन को जाता है तब डरता है, कभी वो बाबा अमरनाथ यात्रा के जत्थे में रवाना होता है तब घर वापस ना लौट पाने के खौफ से डरता है और अब तो अपने ही घर से चंद किलोमीटर की दूरी पर जा रहा कांवड़ियों का रेला भी आतंकियों के डर से संगीनों के साये से होकर गुजरेगा। सावन के महीने में शुरू हो चुकी कांवड़ यात्रा पर भी अब आंतकियों के नापाक मंसूबों की काली छाया पड़ने लगी है, शायद इसीलिए उत्तर प्रदेश में पूरी कांवड़ को एटीएस के सुरक्षा घेरे से कवर किया जा रहा है।
खैर खतरा तो है मगर आतंकी शायद ये भूल गए हैं कि अब ये उत्तर प्रदेश योगी आदित्यनाथ की सरपरस्ती में साँसे ले रहा है जो माला भी रखते हैं और भाला भी। उत्तर प्रदेश का हर वो जिला जो आतंकी हमले के मद्देनजर अतिसंवेदनशील है वहां खुद मुख्यमंत्री ने नजर बनायीं हुई है, बाकी अपने भक्तों की सुरक्षा के लिए महादेव तो हैं ही।