अभिनव सिंह (लखनऊ)
बाबा ने जब फरमान जारी किया कि हर दुकानदार को सामान बेचने से पहले अपना नाम और अपनी पहचान उजागर करनी होगी तब विपक्ष से लगाए सेक्युलर गैंग तक , सबने छाती पीटी, ऐसा प्रतीत हुआ मानो बाबा ने पूरी कायनात ही पलट दी हो। मामला माननीय न्यायालय तक पहुंचा और माननीय न्यायालय ने उत्तर प्रदेश सरकार के इस फैसले पर रोक लगा दी। अब चूँकि कोर्ट ने रोक लगाईं तो टीका टिपण्णी करने का हक़ किसी को नहीं है लेकिन समाज में घट रही घटनाओं को उजागर करने का संवैधानिक अधिकार हमारे पास था, है और रहेगा, और इसी अधिकार का सदुपयोग करते हुए हम आपको एक ताजा मामला दिखाते हैं उसी पश्चिमी उत्तर प्रदेश का जहाँ सो काल्ड भाईचारा कायम रखने के लिए बाबा के आदेश को रोका गया था।