अनुष्का सिंह (विशेष संवाददाता)
उत्तर प्रदेश के अंदर अधिकारियों की मिलीभगत से हो रहा एक ऐसा फ्राड सामने आया है जिसे सुनकर आप हैरान हो जायेंगे। हम बात कर रहे हैं रायबरेली की जहाँ कई गावों में फर्जी जन्म प्रमाणपत्र बनवाने का मामला संज्ञान में आया है।
फर्जी जन्म प्रमाणपत्र के आतंकी कनेक्शन से चर्चा में आए रायबरेली के सलोन ब्लॉक के बाद अब छतोह में भी बड़ा खेल सामने आया है। यहां के नुरुद्दीनपुर गांव में जालसाजों ने आबादी से 7500 से ज्यादा 10, 151 जन्म प्रमाणपत्र बना दिए।
इस पूरे मामले की जांच कर रहे मुख्य विकास अधिकारी अर्पित उपाध्याय की जांच में ये सामने आया है कि जिन लोगों के फर्जी जन्मप्रमाण पत्र बने हैं उन नामों के लोग इन गावों में रहते ही नहीं हैं। आपको बता दें कि केरल में पीएफआई के एक संदिग्ध सदस्य का प्रमाणपत्र सलोन का बना मिला था। कर्नाटक में भी एक संदिग्ध का जन्म प्रमाणपत्र यहीं से बनाया गया था। दोनों प्रदेशों की पुलिस जांच के लिए रायबरेली पहुंची।
जाँच में ये भी सामने आया कि ग्राम विकास अधिकारी (वीडीओ) विजय सिंह यादव की यूजर आईडी और पासवर्ड से करीब 20 हजार फर्जी प्रमाणपत्र जारी मिले। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर वीडीओ, सलोन निवासी मो. जीशान, रियाज और सुहेल खान को जेल भेज दिया।
बहरहाल इस पूरे मामले की जांच अब एटीएस कर रही है। एटीएस की आईजी नीलाब्जा चौधरी और लखनऊ रेंज के आईजी अमरेंद्र सेंगर ने सलोन पहुंचकर जांच की थी। आरोपी वीडीओ ऊंचाहार थाना क्षेत्र के कोटरा बहादुरपुर निवासी विजय सिंह यादव, सलोन निवासी मो. जीशान, रियाज और सुहेल खान को गिरफ्तार करने के बाद जेल भेजा जा चुका है।